RUMORED BUZZ ON BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

Rumored Buzz on baglamukhi shabar mantra

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नमामि बगलां देवीमासव-प्रिय – भामिनीम् ।



Therefore, he sat on ghor tapasya of Devi Tripurambika, who is the mother of three worlds. Devi Tripurambika was pleased by Lord Brahma’s tapasya and appeared right before him in the form of Mata Baglamukhi. She was yellow in coloration. She granted his prayers and restore peace on this planet.

ॐ वगलामुख्यै विद्महे स्तम्भिन्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्

पीतं वासो वसानां वसु – पद – मुकुटोत्तंस- हाराङ्गदाढ्याम् ।।

हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्

step2: बगलामुखी मंत्र प्रयोग चौकी पर चने की दाल से स्वस्तिक बनाएं और उस पर बगलामुखी माता की तस्वीर स्थापित करें तथा उस पर गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक की रुई को हल्दी में लपेट कर ही दीपक प्रज्वलित करना है। हल्दी की माला और पीले पुष्प लेकर माता को चढ़ाएं।

तत्रं साधना गुरू मार्ग दर्शन में ही करें स्वतः गुरू ना बनें अन्यथा भयानक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता ही है।

अनमिल आखर अरथ न जापू। प्रगट प्रभाउ महेस प्रतापू॥

Equally as a stone sculpture created by an artisan is consecrated and set up while in the temple, and it can be imparted a radiant type of the goddess or deity in order that it will become respectable, revered, illuminated for all, equally human beings will also be wonderful operate godlike artisan, which is similar into a transferring idol During this earth-like temple.

अर्थात् सुवर्ण जैसी वर्णवाली, मणि-जटित सुवर्ण के सिंहासन पर विराजमान और पीले वस्त्र पहने हुई एवं ‘वसु-पद’ (अष्ट-पद/अष्टापद) सुवर्ण के मुकुट, कण्डल, हार, बाहु-बन्धादि भूषण पहने हुई एवं अपनी दाहिनी दो भुजाओं में नीचे वैरि-जिह्वा और ऊपर गदा लिए हुईं, ऐसे ही बाएँ दोनों हाथों में ऊपर पाश और नीचे वर धारण किए हुईं, चतुर्भुजा भवानी (भगवती) को प्रणाम करता हूँ।

पीनोन्नत-कुचां स्निग्धां, पीतालाङ्गीं सुपेशलाम् । त्रि-लोचनांचतुर्हस्तां, गम्भीरांमद-विह्वलाम् ।।२

स्तम्भनास्त्र-मयीं देवीं, दृढ-पीन-पयोधराम् । मदिरा-मद-संयुक्तां, वृहद्-भानु-मुखीं भजे ।।

यहाँ पर उल्लिखित शाबर मन्त्र के सम्बन्ध में अनुभवी साधकों का यह निष्कर्ष है कि यह परमशक्तिशाली मन्त्र है और इसका प्रयोग कभी निष्फल नहीं होता है। यह प्रबल बगलामुखी शत्रु विनाशक मंत्र है। इसका सिद्धि-विधान भी अत्यन्त ही सरल है। इसके लिए साधक को यह निर्देश है कि भगवती बगला की सम्यक् उपासना एवं उपचार के उपरान्त प्रतिदिन दो माला जप एक महीने तक get more info करें। इतने अल्प समय और अल्प परिश्रम से ही यह मन्त्र अपना प्रभाव प्रकट करने लगता है।

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